जर्वे गाँव में भोजली पर्व धूम धाम से मनाया गया


सह. संपादक रोहित कुमार भारती की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ की आवाज़


जैजैपुर- छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्योहारों में एक भोजली पर्व धूमधाम से मनाया जाता है भोजली पर्व सावन महीने में छत्तीसगढ़ के पहली त्यौहार हरेली के पांचवे दिन थाली , गमला में धान के दाने बोए जाते हैं उसे घर के किसी पवित्र स्‍थान में छायादार जगह में स्‍थापित किया जाता है। उनमें रोज़ पानी दिया जाता है और देखभाल की जाती है तथा भोजली दाई की पूजा की जाती है तथा भोजली गीत गाया जाता है भोजली को रक्षाबंधन के अगले दिन विसर्जन किया जाता है 

जैजैपुर से 4 कि. मी की दूरी पर स्थित जर्वे गांव में भोजली पर्व धूमधाम से मनाया गया

भोजली पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। 

 बच्चे, महिलायें, बुजुर्ग आदि ने सिर पर भोजली रखकर ढोल, मंजीरा व गाजे-बाजे की गूंज के साथ गली-मोहल्ले का भ्रमण किया। गीत व भजनों के साथ भोजली मईया की पूजा-अर्चना की गई बच्चे, युवतियां, महिलाओं ने भोजली सिर पर उठाकर भोजली को गांव के तालाब में विसर्जन किया गया।अच्छी फसल के लिए मन्नत मांगे ,और गांव की खुशहाली के लिए प्रार्थना किये । भोजली पर्व को लेकर गांव में उत्साह रहा ।

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