जीवन के मूल्यों में रंग भरने वाली मां अब नहीं रही
लक्ष्मी नारायण लहरे
क्या कहती हो ठहरो नारी
संकल्प अश्रु जल से अपने
तुम दान कर चुकी पहले ही
जीवन के सोने से सपने ---
कोसीर - हर बच्चे का बचपन अपने मामा घर की आंगन की खास होती है ।वह घर के आंगन में जो कुछ सीखता है उसके जीवन में सबलता लाती है,पर मामा घर का आंगन अपने अतीत की ओ लम्हा होता है जो जीवन को नवरंग का हमेशा अहसास कराता है ।मामा घर और नाना -नानी ये ऐसे रिस्ते हैं जो मां के रिस्ते से भी उस नन्हे बच्चे के लिए कौतूहल का विषय बना रहता है ।मेरी नानी श्रीमती भानु मति बंजारे पति श्री स्वर्गीय पोकराम बंजारे अब नहीं रही उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है । मेरे न जाने कितने गुस्से ,नखरे और प्यार की लात खाई होगी फिर भी प्यार कम नहीं हुआ ओ बिता पल अब बस अतीत के पन्नों में सिमट गई। ओ नानी कथा -कहानी में याद आएगी । श्रीमती भानुमति बंजारे पति स्वर्गीय पोकराम बंजारे ग्राम बघौद डभरा का जन्म 01 जनवरी 1945 को हुआ था । वे 75 वर्ष की थी उनका आकस्मिक निधन आज 16 अक्टूबर को दोपहर 03 बजे हो गया । 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 10 बजे हिन्दू धर्म रीति रिवाज से गृह ग्राम में दाह संस्कार होगा ।वे सरल सहज गृहणी थी । जीवन में बहुत कुछ अपने पड़ाव देखे पर परिवार को हमेशा सबलता की राह पर ले गए ।मेरे स्मृति शेष में बहुत कुछ है पर आज कह पाना संभव नहीं है नानी आप को विनम्र श्रद्धांजलि । आप बहुत याद आएंगे ।
