बरसों के सारंगढ़ जिला मांग पर न्यायसंगत बर्ताव नहीं:ABVP टिया चौहान

 



1952 से सारंगढ़वासियों की लगातार जारी रही मांग सारंगढ़ को जिला बनाने के लिए कई आंदोलन,अनशन भी अंचलवासियों द्वारा किया गया दुर्भाग्यपूर्ण यह विषय राजनैतिक महत्वाकांक्षा तले कुचलते कुचलते 15 अगस्त 2021 को सारंगढ़-बिलाईगढ़ के नाम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा घोषित हो ही गया जो की स्वयं में एक विवादास्पद निर्णय साबित हो गया अर्थात बरमकेला,सरिया,भटगाँव, सरसींवा,चन्द्रपुर के सर्वदलीय नेताओं सहित जनता की सारंगढ़ जिला नाम को सारंगढ़-बिलाईगढ़ नाम के स्थान पर केवल सारंगढ़ नाम मांग कर रहे हैं वहीं सारंगढ़ से संवेदनशील जनता भी प्रखरता से न्याय की मांग कर रहे हैं।

इन सबके बाद मेरी वेदना सारंगढ़ के प्रति एक बेटी के नाते प्रकट करना चाहूंगी कि सारंगढ़ के इतिहास(राजा व राजमहल की लोकप्रियता)की विशेषता जाने माने नगरों में से एक रहा है साथ यहां की दार्शनिक स्थलों की महत्ता भी क्षेत्र की गरिमा बढ़ाने में अहम योगदान रखता है।अब रही बात समाज की तो जिला के नाम से हर समाज,वर्ग,समुदाय से सारंगढ़ के वर्चस्व की लड़ाई लड़ी गई अतः हर दृष्टिकोण से सारंगढ़ नाम जिला के लिए अधिकार रखता है;इसके साथ अगर मेरे मुहल्ले के नाम को जोड़ा जाएगा तब भी मैं विरोध करूँगी।यहां धारणा केवल सारंगढ़ के साथ न्यायसंगत निर्णय लेने की बात कही जा रही है न कि किसी क्षेत्र(बिलाईगढ़) नाम का जिला सारंगढ़ के नाम के जोड़ने की अवहेलना की जा रही है;जिसे सभी लोगों को किसी राजनैतिक पार्टी के कार्यकर्ता,सदस्य के बदले एक स्वत्रंत नागरिक के नाते अपनी अभिव्यक्ति व संवेदना प्रकट करनी चाहिए।

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