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छत्तीसगढ प्रदेश में रायगढ़ जिले के सारंगढ़ ब्लॉक के अन्तर्गत एक छोटा सा गांव गायदरहा जो ग्राम पंचायत परसकोल से आश्रित रखता है।

 


छत्तीसगढ प्रदेश में रायगढ़ जिले के सारंगढ़ ब्लॉक के अन्तर्गत एक छोटा सा गांव गायदरहा जो ग्राम पंचायत परसकोल से आश्रित रखता है।

जहां पर एक होनहार छात्र इन्द्रजीत मनहर जो रानी दुर्गावती उद्यानिकी महाविद्यालय पेंड्रा रोड (छः ग:) से B.sc.(Horticulture) की डिग्री प्राप्त की तथा वर्तमान में वह AKS यूनिवर्सिटी सतना (मध्य प्रदेश) में M.sc. Horticulture (vegetable science) में 2nd Semester की पढ़ाई कर रहे हैं। वर्तमान स्थिति में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए सारे शिक्षण संस्थान बंद है, कुछ स्थानों पर ऑनलाइन की माध्यम से पढ़ाई जारी है। ऐसी स्थिति को देखते हुए इन्द्रजीत मनहर ने पढ़ाई के साथ-साथ मशरूम जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में "पैरा पूटू" के नाम से जाना जाता है जिसकी उत्पादन "जैविक मशरूम उत्पादन" के रूप में करने हेतु अपने गांव में वह एक फिल्ड तैयार किया है जिसमे वह जैविक मशरूम की खेती कर "जैविक मशरूम उत्पादन" कर रहे हैं जिसमें उनका पहले से ही रुझान रहा है। जहां वे पर्याप्त मात्रा में ताजे एवम शुद्ध जैविक मशरूम का उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।


इन्द्रजीत मनहर ने मशरूम के कुछ गुणों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि मशरूम में बहुत सारे गुण पाए जाते हैं जैसे कि पाचन शक्ति बढ़ाने में सहायक, मधुमेह से मुक्त, त्वचा संबंधी रोगों से मुक्ति, प्रचुर मात्रा में रक्त संचार, ब्लड शुगर लेवल कन्ट्रोल रहना, वजन का संतुलन बना रहना, विटामिन - D की अच्छी स्त्रोत जिसमें हड्डियां मजबूत रहती है, सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन तथा अनेक औषधीय गुणों का भी समावेश होता है, जो हमारे शरीर को रोगमुक्त एवम स्वस्थ बनाए रखता है।


यह कार्य व इनके द्वारा उठाए गए सफल कदम निश्चित रूप से ही पढ़े लिखे युवा वर्ग, किसान वर्ग एवम बेरोजगार लोगों के बीच एक प्रेरणाप्रद संदेश होगी।