Advertisement

लाकडाउन के बिहार

  


 लाकडाउन के बिहार

 का बताव संगी!

मोरो नानपन ल

एक ठन सपना रहिस 

बिहाव करे के,

बड़ा बाजा- गाजा संग

बरात लें जाऐके।

मोरो संगी साथी

अउ गां भर ल 

छोड़त ल खवाये के

आउ मोर सपना एक दिन पुरा होगिस

मोरो बिहाव होगिस‌।

लाकडाउन म।।।

का बताव संगी

बड़ा भारी रोना रहिसे 

गांव- गांव शहर-शहर

फैले कोरोना रहिसे

गांव के कका बबा अउ दाई बहिनी मन,

अउ मोर हदरहा संगी साथी मन

मरहा मुरदा कस

दुरिहा ल!

निहार के चल दिस

रान्धे भाता साग ह

जैसे के तईसे परे रगिस।

काबर दस झन ल जादा बुलाना निये

अउ आ जाहि त,

पइरघाना निये।

बड़ा समस्या होगे!

न्यौता नेवोत के 

फिरोए बर होंगे।

फटफटी म बरात

जाए बर लागिस

मऊर के जगा म

मास्क लगाएं बर लागिस।

ससुराल के सारी साखी मन

जुता के जगा

मास्क ल लुका दिस

आती खानी पांच सौ रुपिया

चलान पटाये बर लागिस।

मोरो बिहा हर

भारी यादगार होगिस

का करव संगी

मोरो बिहाव

लाकडाऊन म होगिस।

          (मजाक)

कांसेप्ट - गुलशन लहरे

लेख - महेंद्र कुमार रात्रे