मास्क ही काफ़ी नही कोरोना से बचाव के लिए-डॉक्टर बेहरा

 


लैलूंगा/रायगढ़:- जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर से छत्तीसगढ़ ही नही पूरा देश हिल गया है किसी से छुपा नही है। आज शासन औऱ समाजसेवियों के माथे पे चिंता की लकीर साफ जान पड़ती है। जिस तरह छत्तीसगढ़ में मरीजों और मौत के आँकड़े बढ़ते जा रहा रहे हैं बहुत ही गभीर और भयावह प्रतीत होने लगी है। लेकिन हम बात करें हमारे जिले की तो लोगों को स्वयं और दूसरों की जिंदगी से परवाह ही नही जान पड़ती..! सोशल दूरी की बात तो अलग यहाँ 80% लोग मास्क नियम का पालन ही नही कर रहे। उन्ही की जान बचाने पुलिस और प्रशासन को कार्यवाही और दण्ड की धमकी के बीच मास्क लगाने हेतु आग्रह किया जा रहा है, जो कि शर्मनाक है।

कोरोना के बढ़ते प्रकरण को देखते हुवे कुछ जिम्मेदार संस्था और समाजसेवी अब आगे आने लगे हैं उन्ही में से एक नाम है प्रोजेक्ट मैनेजर जी.हिमावर्धन और उनकी टीम का।


राजपुर (लैलूंगा) में शोशल डिस्टेंसिंग के पालन करते हुवे ग्रामीणों को किया गया जागरूक-


जी. हिमावर्धन और उनकी टीम द्वारा जागरूकता शिविर का आयोजन जिले के सुदूर अंचल में स्थित ग्राम राजपुर में किया गया। जिसमें लोगों को 6 फीट की दूरी में खड़े कर कोरोना और एड्स से बचाव की जानकारी के साथ आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। 


सुरक्षा का एक ही उपाय है सावधानी और सजगता- डॉक्टर एन. रंजन बेहरा


डॉक्टर बेहरा ने ग्रामीणों को बताया कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है जिसे भारत ने काफ़ी हद तक काबू कर लिया है,परन्तु हमारे असावधानी औऱ गैरजिम्मेदाराना रवैये ने इसे फिर देश मे पांव पसारने को जगह दे दी है। अभी कोरोना दूसरी लहर पहले की अपेक्षा अधिक जानलेवा साबित हो रही है अतः आप मास्क पहनने के अलावा कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी रखना जरूरी है। व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें। हाथों को बार-बार धोना है और सफाई का पूरा ध्यान रखना है।

इसी प्रकार एड्स से बचाव हेतु डॉक्टर बेहरा ने एड्स के बारे में जानकारी देते बताया कि एक पुरूष का कई महिलाओं अथवा एक महिला का कई पुरूषों के साथ अनसेफ सेक्स करने, संक्रमित खून चढ़ाने, एचआइवी पॉजिटिव महिला के बच्चे में, एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से, इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने आदि से किसी व्यक्ति को एड्स हो सकता है। बताया कि हमेशा बुखार रहना, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, दस्त होना, खांसी होना, सांस लेने में समस्या, शरीर पर चकत्ते होना, स्किन प्रॉब्लम आदि इसके लक्षण है। यदि आसपास इस तरह का कोई दिख जाए तो उसका समुचित उपचार जरूर कराएं।



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