लापरवाही: उप स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिया, लेकिन जचकी सुविधा ही नहीं, बीएमओ साहब की ये कैसी मैनेजमेंट

 


रायगढ़: गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र ताे खोले गए हैं। लेकिन इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए जिला स्तर पर अस्पताल में जाना पड़ रहा है। इससे लोग परेशान हैं।ताजा मामला सारंगढ़ ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अमलीडिपा का है.

उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कहने को तो यहां 24 घंटे एएनएम और इलाज की सुविधा मिलना है, लेकिन क्या करे यहां एएनएम ही नहीं है, तो ग्रामीणों महिलाओं को सुविधा कहा से उपलब्ध होगा आप स्वयं जान सकते हैं कि बिना एएनएम के कैसे इस में कैसे जचकी का कार्य होगा। एक तरफ़ शासन प्रशासन लाखों रुपए खर्च करके उप स्वास्थ्य केन्द्र बनवाया जाता है, लेकिन उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा हैं.

स्वास्थ्य केन्द्र का भवन तो निर्माण हो गया है लेकिन भवन के अंदर एक भी बेड मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है, आप खुद सोच सकते हैं कि यहां जचकी सुविधा कैसे लोगों को मिल सकेगा।इसके जिम्मेदार अधिकारी को भी ध्यान नहीं रहता है कि कहा क्या चाहिए क्या नहीं? कुछ लोगों ने नाम न बताने के शर्त में बताए अनुसार यहां के लिए एक एएनएम का नियुक्ति किया गया था। लेकिन आज तक वो यहां नहीं आयी हैं । आखिरकार क्या है कारण?

बता दें कि महिलाओं को इलाज, जचकी कराने के लिए यहां से लगभग 12 से 15 किमी दूर जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि उपस्वास्थ्य केंद्र एएनएम महिला कार्यकर्ता नहीं है. जिससे गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कराने में समस्या आती है। अभी कुछ दिन पहले सी एच ओ की पोस्टिंग हुई है तब से लोगों को कुछ राहत मिली है और उनके द्वारा बीपी, सुगर, गर्भवती महिला आदि का ईलाज,दवा उनके द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।सारंगढ़ क्षेत्र के अमलीडिपा में उप स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि एएनएम महिला कार्यकर्ता नहीं है। आरएचओ पुरुष कार्यकर्ता टीकाकरण करने के लिए उपस्वास्थ्य केंद्रों पर रहते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण तो हो जाते हैं लेकिन जचकी के दिनों में इलाज नहीं मिल पाता है। जो कि जचकी के लिए हमे 10 -15 किमी दूर गोडम , टिमरलगा,सारंगढ़ इलाज कराने के लिए जाना पड़ता है।जबकि गांव में ही स्वास्थ्य केंद है और अमलीडिपा में उप स्वास्थ्य केंद्र तो बन गया, लेकिन जचकी कराने के लिए समान नहीं न महिला एएनएम नहीं ?

ग्रामीण बोले- हमारे गांव के स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन महिलाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा

ग्रामीणों ने बताया कि यहां एएनएम कार्यकर्ता नहीं होने के कारण प्रसुताओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण ही हो पा रहा है. वो भी आरएचओ पु, टीकाकरण करता है। जचकी नहीं होने से क्षेत्र में लोगों के ऊपर उन पर आर्थिक समस्या भी झेलना पड़ रहा है । गांव में ही स्वास्थ केंद्र होने के बाद भी उन्हें दूसरे जगह लेकर जाना पड़ रहा है ।ये सोचनीय बात है । वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2012 से उप स्वास्थ केंद्र बना है लेकिन आज तक एक भी जचकि इस स्वास्थ केंद्र में नहीं किया गया है।


हेंड ओवर तो हो गया, लेकिन आज तक उसमे कोई व्यवस्था नहीं


जब इसकी जानकारी लेने के लिए हमारे प्रतिनिधि के द्वारा बीएमओ सारंगढ़ से संपर्क किया तो उनके द्वारा बताया गया कि अमलीडिपा स्वास्थ्य केंद्र दो सिस्टर है, लेकिन मैने एक सिस्टर को कोसीर में अटैच कर दिया है. क्योंकि वहा कोई सिस्टर नहीं थे, तो वहा कर दिया ।वही बीएमओ साहब ने यह भी कहा कि मंगल भवन में 150 बिस्तर का है, तो कौन सम्हालेगा । शासन प्रशाशन ने मेन पॉवर तो दिया नहीं है , हमें हमारे स्टाफ 24 घंटे काम कर रहे हैं. टीक हैं वहा कमी है तो हम पूरा करेंगे। जल्द ही व्यवस्था सुधरेंगे

खबर लगने के बाद विभाग के आला अधिकारियों में मचा हड़कंप ,

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गोड़म 

ओ पी कुर्रे ,औचक निरीक्षण

करने के लिए पहुंचे एच डबलू सी अमलीडीपा पहुंचे ,वही उन्होंने बताया की बीएमओ साहब के निर्देश पर आज निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे, जहा कि हमे कुछ खामियां मिला है ,बहुत सारे छोटे छोटे कमी हैं ,उसका लिस्ट तैयार करके भेजूंगा और यहां जचकी टेबल नहीं है,जो कि लिस्ट बना कर बीएमओ साहब को दुगा 


लेकिन सबसे चौकाने वाली बात यह है कि ए एनएम की व्यवस्था हो पाती हैं या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा ,

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